Kota the smart city poem
_."Kota the memorable place._ …
ग़ज़ल - "कैसे" - गौरव शाक्य उनकी मुस्कान पे मैं अब हंसू तो हंसू कैसे? में पिघला ज़माने से अब जमूं तो जमूं कैसे? मन की नदियां भी जम गईं एक…
Read more.. Insta:- Being_isronian Hey, I wrote this poem about two years ago, A girl told me to write a poem on the behalf of their situation in the l…
Read more... Dahleez se door ... दहलीज से दूर Gauav Shakya .. किसी के वादे भी जिन्हे, सब मंजूर होते हैं, दिल थामे हैं आज, जो चकनाचूर होते हैं.. अब डर है कि कह…
Read moreपुराना दौर Gaurav $hakya -------------------------------------------- सामना किस किस से होगा, चेहरे बदल गए सबके.. पुराना दौर नहीं है अब, ज़माने सं…
Read more... गया होगा Gaurav shakya 🫀 Note:- क्या सब बदल गया होगा.? न जाने कैसी मोड़ पर वो मुड़ गया होगा, टूट चुके दिल से भी संभल गया होगा, पैर रख लिए थे उ…
Read more!!............!! !!............!! Ek Baat Hua hu bnda, punj mai Jaise Radhakrishna, brijkunj mei Pyare se wo pal, dhundh mei Doob rha, Surya kun…
Read moreअपनों में गैर..!! ......…………|__|………… मैंने खाली खाली काफी कुछ तो, शहर देखे हैं। अपनों में भी काफी कुछ तो, गैर देखे हैं। है छिपा मेरे अंदर, किसी चीज क…
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