_."रूठी किस्मत"._
जब जब नींदे टूटी,मैंने पाई किस्मत रूठी..!!
एक राह मिली जीने को,
कभी जहर मिला पीने को..!!
एक प्यार♥️ मिला सीने को,
कभी दोष मिला सुनने को..!!
कि, आशां है कुछ कुछ छोटी,
मैंने, पाई किस्मत रूठी..!!
यारो से हुई लड़ाई,
टीचर 👩🏫ने बहुत सुनाई..!!
अपनों ने कि बुराई,
औरो ने राह दिखाई..!!
फिर, जोश 💪मिला सीने में,
कुछ डर सा है करने में..!!
यादें है कुछ कुछ खोटी,
मैंने, पाई किस्मत रूठी..!!
एक दिन सूरज🌞 की किरणें,
बस मुझको ही तो ढूंढे..!!
और ना जाने क्यों ऐसा,
अपने ही अपनों को लूटे..!!
घर🏘️ के आंगन तो है ही,
त्योहार 🎑भी है अब सूने..!!
आदत है कुछ कुछ झूठी,
मैंने, पाई किस्मत रूठी..!!
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:- गौरव शाक्य
01:34 PM
15/सितंबर/2020
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Kahiye janaab.!!