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Aashayein

 Aashayein 

आशायें 

बिखरे थे दिन वो सारे,
बिखरी थी आशा सारी।
बिछुड़े थे दिन वो सदियां,
बिखरी थी माला सारी।
फीलिंग थी समझी उसने,
कुछ कुछ था लगने लगा।
उन ही पलों में मुझको,
तुम न मिले थे यारा।
नजरे मिली बस उससे,
मुझको जो सबसे प्यारा।
कैसी ये किस्मत है और,
कैसी ये दुनिया सारी।
अच्छे थे दिन कुछ मेरे,
अच्छी थी मेरी यारी।
अच्छा था इंसा वो भी,
लोगों ने नजरें मारी।
दुनिया तो करती धरती,
बाजी है मैने हारी
बाजी है मैने हारी
बाजी है मैने हारी।।
..
ये मुझसे,
तो पूछे,
क्यूं रूठे,
जब बातें,
होती मुझसे,।
क्यूं हारा,
मैं खुद से।
क्यूं डरता,
मैं डर से।
क्यूं भगता,
मैं कर से।
Tension है
सर पे।
क्यूं करता,
मैं खर्चे।
क्यूं हो रहे है,
चर्चे।
फिर भी मैं तुझको,
देखूं jee भर के।
..
तुम भी मिलोगे मुझसे,
आशा है मेरी प्यारी।
बातें करोगे मुझसे,
सोचा है मैने काफी।
जब भी वो होगा मिलना,
रातें काश हो जाए माह की।
चंदा को देखे हम,
और चाय की एक हो प्याली।
मैं एक गाना बन जाऊं,
तुम बन जाना एक कहानी।
मैं बन जाऊं शिष्य तुम्हारा,
और तुम बन जाना एक ज्ञानी। 
..
नही बातें की अर्शों से,
नही मिले हम वर्षों से।
ये प्यार भी बढ़ता है,
जब दूरी हो दर्जों से,
चल अब हम मिलते हैं,
चक्कर नही कल परसों के।
मेरे दिल की हैं बातें,
जो घिरा है मर्जों से।
कभी गाना भी लिख लेता,
और दुखी हूं तर्जों से।
तुम काले हो बादल,
जो बेमौसम बदलोगे।
ठीक है, मैं चलता हूं :)
तुम मिलने को तरसोगे।

Gaurav Shakya

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